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Showing posts from July, 2020

बातचीत की कला

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बातचीत किन लोगो   के साथ करनी चाहिए ये हमेशा सोचना होता है और जिन लोगों से बातचीत की कोई जरूरत नहीं होती , उन्हीं की संगत में हम अधिक बतियाते हैँ | फिर उसका नतीजा हमे कुछ दिन बाद देखने मिलता है | बातचीत को कुछ हद तक हमारे   चरित्र की अभिव्यक्ति का माध्यम भी कहा जाता है | इस के प्रयोग के लचीलेपन से अपने कसौटी पर मित्रों और काठ के उल्लुओं , अवसरवादो को बखूबी परखा जा सकता है| बातचीत करना भी एक कला है। यह तो आपने देखा ही होगा कि कुछ लोग इतने अच्छे ढंग से बात करते है कि उनकी सभी बातें अच्छी और सच्ची लगती है।और कई लोगो का लहजा इतना खराब होता  है कि वो हमारे भले के लिए भी कहे तो भी उसमे बुराई ही नजर आती है। अतः अगर आप जिंदगी में सफल होना चाहते है और अपने व्यक्तित्व की गहरी छाप लोगो पर छोड़ना चाहते है तो आपको बातचीत करने में कुशलता हासिल करनी होगी। एक अच्छा वार्ताकार बनना उतना भी कठिन नहीं होता है जितनी कि आपने उसके कठिन होने की कल्पना की हो,  इसके लिए बस थोड़े से अभ्यास की आवश्यकता पड़ती है। जब हम किसी अजनबी से बातचीत करते है तो  हमारे सामने कई सवाल उभर कर  सामने आते है। बातचीत शुरू करने से पह

शिव-पार्वती संवाद

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शिव-पार्वती संवाद : अपने कर्म से ही सुख-दु:ख पाता है मनुष्य एक बार माता पार्वती ने भगवान शिव से कहा कि प्रभु मैंने पृथ्वी पर देखा है कि जो व्यक्ति पहले से ही अपने दुःखी है, आप उसे और ज्यादा दुःख प्रदान करते हैं और जो सुख में है, आप उसे दुःख नहीं देते हैं?   भगवान शिव ने इस बात को समझाने के लिए माता पार्वती को धरती पर चलने के लिए कहा और दोनों ने इंसानी रूप में पति-पत्नी का रूप लिया और एक गांव के पास डेरा जमाया।   शाम के समय भगवान ने माता पार्वती से कहा कि हम मनुष्य रूप में यहां आए हैं इसलिए यहां के नियमों का पालन करते हुए हमें यहां भोजन करना होगा। इसलिए मैं भोजन सामग्री की व्यवस्था करता हूं, तब तक तुम भोजन बनाओ। भगवा के जाते ही माता पार्वती रसोई में चूल्हे को बनाने के लिए बाहर से ईंटें लेने गईं और गांव में कुछ जर्जर हो चुके मकानों से ईंटें लाकर चूल्हा तैयार कर दिया। चूल्हा तैयार होते ही भगवान वहां पर बिना कुछ लाए ही प्रकट हो गए। माता पार्वती ने उनसे कहा कि आप तो कुछ लेकर ही नहीं आए, भोजन कैसे बनेगा? भगवान बोले- पार्वती, अब तुम्हें इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी।भगवान ने माता पार्वती से पूछा- तु