बातचीत की कला
बातचीत किन लोगो के साथ करनी चाहिए ये हमेशा सोचना होता है और जिन लोगों से बातचीत की कोई जरूरत नहीं होती , उन्हीं की संगत में हम अधिक बतियाते हैँ | फिर उसका नतीजा हमे कुछ दिन बाद देखने मिलता है | बातचीत को कुछ हद तक हमारे चरित्र की अभिव्यक्ति का माध्यम भी कहा जाता है | इस के प्रयोग के लचीलेपन से अपने कसौटी पर मित्रों और काठ के उल्लुओं , अवसरवादो को बखूबी परखा जा सकता है| बातचीत करना भी एक कला है। यह तो आपने देखा ही होगा कि कुछ लोग इतने अच्छे ढंग से बात करते है कि उनकी सभी बातें अच्छी और सच्ची लगती है।और कई लोगो का लहजा इतना खराब होता है कि वो हमारे भले के लिए भी कहे तो भी उसमे बुराई ही नजर आती है। अतः अगर आप जिंदगी में सफल होना चाहते है और अपने व्यक्तित्व की गहरी छाप लोगो पर छोड़ना चाहते है तो आपको बातचीत करने में कुशलता हासिल करनी होगी। एक अच्छा वार्ताकार बनना उतना भी कठिन नहीं होता है जितनी कि आपने उसके कठिन होने की कल्पना की हो, इसके लिए बस थोड़े से अभ्यास की आवश्यकता पड़ती है। जब हम किसी अजनबी से बातचीत करते है तो हमारे सामने कई सवाल उभर कर सामने आ...